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Vastu Tips: शाम के समय इस दिशा में जलाएं दीपक, मां लक्ष्मी की कृपा से मिलेगा खूब सारा पैसा🙏🙏👍👍👇👇🌷🌷🌻🌻

Maa Lakshmi ke Upay: घर में नियमित रूप से शाम के समय मुख्य द्वार पर दीपक जलाने से मां लक्ष्मी का आगमन होता है और घर पर सुख-समृद्धि बनी रहती है.किसी भी देश की संस्कृति उसकी आत्मा होती है। भारतीय संस्कृति की गरिमा अपार है। इस संस्कृति में आदिकाल से ऐसी सूक्ष्मजीवी चले आ रहे हैं, जिनके पीछे तात्त्विक महत्व एवं वैज्ञानिक रहस्य छिपा हुआ है।
हिंदू धर्म में किसी भी शुभ कार्य से पहले दीपक जलाया जाता है। सुबह-शाम होने वाली पूजा में भी दीपक जलाने की परंपरा है। वास्तु शास्त्र में दीपक जलाकर उसे रखने के संबंध में कई नियम बताए गए हैं। दीपक की लौ किस दिशा में जानी चाहिए, इस संबंध में ग्रंथ शास्त्र में पर्याप्त जानकारी मिलती है। अपने इष्ट को प्रसन्न करने के लिए हर धार्मिक रीति-रिवाज को पूरा करने के लिए अपने-अपने विधान भी हैं। हिंदू धर्म में यह बहुत मायने रखता है। कोई भी पूजा तब तक सफल नहीं हुई जब तक उसे विधिपूर्वक न किया गया। दीपावली को दीपोत्सव, प्रकाशोत्सव भी कहा जाता है धनतेरस से ही कार्तिक के कृष्णपक्ष की अंधेरी रात को जगमगाने की शुरुआत हो जाती है।
किसी भी शुभ कार्य से पहले दीपक जलाते समय इस मंत्र को बोलने से शीघ्र ही सफलता मिलती है-

दीपज्योति: परब्रह्म: दीपज्योति: जनार्दन:।
दीपोहरतिमे पापं ईदीपं नामोस्तुते।।
शुभं करोतु कल्याणमारोग्यं सुखं सम्पदां।
शत्रु वृद्धि विनाशं च दीप्योति: नमोस्तुति।।


दीपक सिर्फ दीवाली पर ही नहीं जलाये जाते हैं बल्कि पूजा अर्जन सहित हर मांगलिक कार्यक्रम में दीपक जलाया जाता है। दीपक की लौ सिर्फ रोशनी का प्रतीक नहीं है बल्कि वह अज्ञानता का अंधकार को हटाकर ज्ञान के प्रकाश से जीवन को रोशन करने का प्रतीक है। दरिद्रता के तिमिर का नाश कर खुशियों से जीवन को जगमगा देने का प्रतीक है। नकारात्मकता से चौंधियाये अंधेरे मन में सकारात्मकता के प्रकाश की झलक की प्रतीक है। क्योंकि उसके सही दिशा में होने से ही शुभ फल प्राप्त होते हैं।

पूर्व और उत्तर दिशा में जहां दी गई आयु और धन में वृद्धि की मनोकामना पूरी तरह से होती है, वहीं पश्चिम और दक्षिण में दी गई लूत अशुभ भी मानी जाती है। पश्चिम में दिए गए नुकसान के कारण कष्टदायी होता है और आपको कष्ट सहने पर मजबूर होना पड़ सकता है। लेकिन दक्षिण में दिए गए गीत की लय रखना और घातक भी हो सकता है। इससे व्यक्ति या परिवार की बड़ी हानि उठानी पड़ सकती है, यह हानि जान-मालिक किसी के भी रूप में हो सकती हैं

 कुल मिलाकर दीपक या जला दियाना हर शुभ अवसर पर एक अनिवार्य परंपरा मानी जाती है, क्योंकि दीपक का मार्ग सही दिशा में होना प्राय: होता है।।

दीपक-मनुष्य के जीवन में चिह्न और प्रासंगिक का बहुत उपयोग होता है। भारतीय संस्कृति में मिट्टी के प्रदत्त में प्रज्जवलित ज्योत का बहुत महत्व है।

दीपक हमें अज्ञानता को दूर करके पूर्ण ज्ञान प्राप्त करने का संदेश देता है। दीपक अंधकार दूर करता है। मिट्टी का दीया मिट्टी से बना मनुष्य शरीर का प्रतीक है और उसमें रहने वाला तेल अपनी जीवन शक्ति का प्रतीक है। मनुष्य अपनी जीवनशक्ति से परिश्रम करके संसार से अंधकार दूर करके ज्ञान का प्रकाश फैलाये ऐसा संदेश दीप हमें देता है। मंदिर में आरती करते समय दिया जलाने के पीछे यही भाव है कि भगवान हमारे मन से अज्ञान रूपी अंधकार को दूर करके ज्ञानरूप प्रकाश फैलायें। गहरे अंधकार से प्रभु! परम प्रकाश की ओर ले चल रहा है।
दीपावली के पर्व के निमित्त लक्ष्मीपूजन में अमावस्या की अंधेरी रात में दीपक जलाने के पीछे भी इसका उद्देश्य छिपा हुआ है। घर में तुलसी के क्यारे के पास भी दीपक जलाये जाते हैं। किसी भी नयें कार्य की शुरुआत भी दीपक से ही होती है। अच्छे संस्कारी पुत्र को भी कुल-दीपक कहा जाता है। अपने वेद और शास्त्र भी हमें यही शिक्षा देते हैं- हे परमात्मा! अंधकार से प्रकाश की ओर, मृत्यु से अमरता की ओर आइए चलें। ज्योत से ज्योत वर्ल्डो इस आरती के पीछे भी यही विचार कर रहा है। यह भारतीय संस्कृति की गरिमा है।

आमतौर पर हम सभी अपने घर में पूजा करते हैं दीपक प्रज्वलित करते हैं। जो बहुत ही शुभ होते हैं। दीपक को रौशनी का, उजाले का तथा प्रकाश का प्रतीक माना जाता है। दीपक को मनुष्य के जीवन के कष्टों को दूर करने के लिए भी शुभ माना जाता है।
दीपक के प्रकार – दीपक कई प्रकार के होते हैं। जैसे – चाँदी के दीपक, मिटटी के दीपक, लोहे के दीपक, ताम्बे के दीपक, पीतल की धातु से बने हुए दीपक और मिटटी के दीपक से बनाए गए दीपक |कुछ लोग मिटटी के दीपक को अधिक शुभ मानते हैं तो वहीँ कुछ लोग सभी प्रकार की साधना की सिद्धि के लिए मूंग की दाल, चावल, गेहूं, उड़द की दाल और ज्वार आदि अनाजों को पीस कर उनमें से दीपक बनाते हैं और इसे ही पूजा करते हैं के लिए सबसे उत्तम मानते हैं।

घर की इन दिशाओं में दीपक लगाने से पूरी होती हैं सभी इच्छाएं—
लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन दियों को इन दीपकों को जलाने की भी एक विधि है। अगर सही दिशा में दीपक की लौ न जलाई जाए तो इसका नकारात्मक प्रभाव भी हो सकता है। आइए जानते हैं इसके फायदे व नुक्सान के बारे में
–रोगों से मुक्ति के लिए प्रतिदिन सूर्य देव के चित्रपट या श्रीविग्रह के आगे दीपक मरते हैं।
—-श्रीकृष्ण के आगे दीपक लगाने से जीवन साथी की तलाश पूरी होती है।
—–रूक्मणी और श्रीकृष्ण के आगे दीपक बनने से मनभावन जीवन साथी मिलता है।
—–दीपक की दाईं दिशा की ओर धारण से आयु में वृद्धि होती है।
—– दीपक की दृष्टि दिशा पश्चिम की ओर देखने से दु:ख बढ़ रही है।
—- दीपक की लौ उत्तर दिशा की ओर स्थित होने से धन लाभ होने के योग बने हैं।
—– दीपक की लौ दिशा की और धारण से हानि होती है। यह हानि किसी व्यक्ति या धन के रूप में भी हो सकती है।
—बुरे सपनों का डर सतता है तो सोने से पहले हनुमान जी के पंचमुखी स्वरूप के आगे दिया जलाएं और हनुमान का पाठ करें।घर के मंदिर की उत्तर दिशा में धन के देवता कुबेर का स्वरूप स्थापित करें। किसी भी तरह की समस्या हो हर दिन जागरण से हल हो जाएगा।
—–घर और कार्यस्थान पर गणपति बप्पा का स्वरूप स्थापित करें। दिन की शुरुआत उनकी आगे लगे दीपक कर दें।
——राम दरबार के आगे प्रतिदिन दीपक लगाने से परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।
आयु वृद्धि के लिए पूर्व दिशा में जलायें दीपक—
दीपक की लौ दिशा किसमें शुरू हुई इसके अनुसार वैसे तो ऋक्सिकता शास्त्र में काफी सारे नियम हैं लेकिन यह इस पर भी निरंतर करता है कि आप किस देवता की पूजा कर रहे हैं और उनके वासी कौन हैं दिशा में है। पूर्व दिशा के बारे में सभी जानते हैं। सूर्योदय की पहली किरणों के साथ ही नई आशाएं और आशाओं की किरणें भी फूटती हैं। पूर्व दिशा में यदि दीपक की लौकिक हो तो इससे आयु में विकास होता है।

धन लाभ के लिए दिए गए लौ हो उत्तर में—-
यदि आप अपने व्यवसाय में लाभ, वेतन में वृद्धि आदि धन लाभ के मनोकामना के लिए दीपक जला रहे हैं तो ध्यान दें इसकी लौ उत्तर दिशा हो। उत्तर दिशा में दिए गए विवरण के आधार पर धन में वृद्धि के लिए इसे लाभकारी माना जाता
जानिए आप अपने जीवन के कष्टों से निम्न प्रकार दीपक जलाकर मुक्ति पा सकते हैं –

1. अगर आपके घर में आर्थिक तंगी चल रही है, तो इस कड़ी से मुक्ति पाने के लिए आपको हर दिन अपने घर के देवालय में शुद्ध घी का दीपक जलाना चाहिए। लाइव दीपक से घर की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।

2. यदि आपके शत्रु आपको नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं तो इसके लिए आपको प्रतिदिन भैरव जी के सामने सरसों का तेल जलाना चाहिए। इस उपाय को करने से आपके विनाश से आपकी हानि होने के लिए नए प्रयास सफल नहीं होंगे।
3. सूर्य देवता को प्रसन्न करने के लिए भी आपको हर रोज सरसों का दीपक जलाना चाहिए। इस उपाय को करने से आपके घर में हमेशा सूर्य देवता की कृपा बनी रहती है।

4. यदि आपका शनि ग्रह कमजोर है तो आपको नियमपूर्वक शनि ग्रह को प्रसन्न करने के लिए तिल के तेल का दीपक जलाना चाहिए।

5. अपने पति की लंबी उम्र की मनोकामना को पूरा करने के लिए महिलाओं को अपने घर के मंदिर में महुए के तेल का दीपक प्रज्वलित करना चाहिए।

6. अगर किसी व्यक्ति के राहु और केतु दोनों योजनाओं की स्थिति खराब हो तो उसे रोजाना मंदिर में अलसी के तेल का दीपक जलाना चाहिए। इस उपाय को करने से राहु और केतु ग्रह शांत हो जाते हैं।

7. घर या मंदिर में किसी भी देवी या देवता की पूजा करते समय फूल, अगरबत्ती, शुद्ध गाय के घी या तिल के तेल का दीपक अवश्य जलाना चाहिए

8. गणेश भगवान की कृपा आप पर हमेशा बनी रही इसके लिए आपको प्रतिदिन गणेश की मूर्ति या तस्वीर के आगे तीन बत्तियों वाले झींगे का दीपक जलाना चाहिए।

9. भैरव देवता की पूजा करने के लिए और उन्हें प्रसन्न करने के लिए चार प्रमुख सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए। इस उपाय को करने से व्यक्ति के जीवन की सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं।

10. किसी मामले को या प्रमाण को जीतने के लिए भी दीपक को जलाना शुभ होता है। किसी भी दोष में जीत हासिल करने के लिए भगवान के आगे पांच मुखी दीपक जलायें।

11. कार्तिक भगवान को प्रसन्न होने के लिए भी दिन के पांच मुख वाले दीपक प्रज्वलित करना चाहिए।

12. लक्ष्मी जी की कृपा हमेशा घर पर बनी रहें। इसके लिए हमें लक्ष्मी जी के विभिन्न सात मुख वाला दीपक जलाना चाहिए।
13. शिव भगवान को प्रसन्न करने के लिए आप बारहवें या आठवें वाले दीपक जला सकते हैं। इसके साथ ही सरसों के तेल का एक दीपक जलाना शुभ माना जाता है।

14. विष्णु भगवान को प्रसन्न करने के लिए उनके सामने प्रतिदिन सोलह बत्तियों का दीपक जलाना चाहिए। यदि आप विष्णु भगवान के दशावतार की पूजा करते हैं तो उन्हें प्रसन्न करने के लिए दस मुख वाले दीपक को जलाना चाहिए।

15. इष्ट सिद्धि के लिए तथा ज्ञान प्राप्त करने के लिए एक गहरा और गोल दीपक प्रज्वलित करना चाहिए।

16. अपने विनाश को नष्ट करने के लिए और किसी भी विरोधी को रोकने के लिए मध्य से ऊपर की ओर उठते हुए दीपक का प्रयोग जलाने के लिए चाहिए।

17. धन प्राप्ति के लिए सामान्य दीपक का प्रयोग 
18. संकटहरण हनुमान जी की पूजा करने के लिए तथा उनकी कृपा आप पर सदा बनी रहे इसके लिए तीन कोनो वाले दीपक का प्रयोग जलाने के लिए देना चाहिए। हनुमान जी आराधना करने के लिए दीपक को जलाने के लिए चमेली के तेल का प्रयोग अवश्य करना चाहिए।

19. आश्रम और देवालय में अखंड ज्योत जलाने के लिए शुद्ध गाय के घी और तिल के तेल का प्रयोग करना चाहिए।
अगर आपकी इच्छा पूरी तरह से घूमने के लिए आपको भगवान के आगे कैसा दीपक जलाना चाहिए। जिससे आपकी पूरी इच्छाए जल्दी ही पूरी तरह से हो जाती है।माना जाता है कि हर भगवान का संबंध किसी न किसी विशेष वस्तु या इच्छा से होता है। अगर अपनी इच्छा या मनोकामना के अनुसार संबंधित भगवान की मूर्ति को पूजा घर में स्थापित करके, रोज उन्हें दीपक दिया जाए तो आपकी पूरी इच्छाए और मनोकामनाए निश्चित रूप से पूरी होती है। रुका धन पाने से लेकर प्यार तक, बिजनेस में जिम्मेवारी से लेकर स्थिति से छुटकारा पाया जा सकता है।
1.प्यार के लिए भगवान कृष्ण जी- अगर आपको भी अपने दोस्तों या अपने जीवन के साथियों से प्यार पाने की इच्छा हो, तो घर के मंदिर में भगवान कृष्ण की मूर्ति स्थापित कर उनकी पूजा करनी चाहिए। इससे आपकी ये इच्छा पूरी हो सकती है।

2. दावे से मुक्ति पाने के लिए भगवान सूर्य- यदि आप दायित्व से परेशान हैं तो आपको अपने घर के मंदिर में भगवान सूर्य की मूर्ति स्थापित करके या तस्वीर रोज उनकी मूर्ति या तस्वीर पर जल चढ़ाना चाहिए और दीपक जलाना चाहिए।
प्रावक्ता
घर कला-संस्कृति जानिए घर की किस दिशा में दीपक लगाने से पूरी होती हैं...
कला-संस्कृतिधर्म-अध्यात्म
जानिए घर की किस दिशा में दीपक लगाने से पूरी होती हैं आपका मनोकामना/विश—
द्वारा पंडित दयानंद शास्त्री- अप्रैल 28, 2017010422

सही मायने में भारतीय संस्कृति की संचारकों में दीपक का इतना महत्व क्यों है?

किसी भी देश की संस्कृति उसकी आत्मा होती है। भारतीय संस्कृति की गरिमा अपार है। इस संस्कृति में आदिकाल से ऐसी सूक्ष्मजीवी चले आ रहे हैं, जिनके पीछे तात्त्विक महत्व एवं वैज्ञानिक रहस्य छिपा हुआ है।
हिंदू धर्म में किसी भी शुभ कार्य से पहले दीपक जलाया जाता है। सुबह-शाम होने वाली पूजा में भी दीपक जलाने की परंपरा है। वास्तु शास्त्र में दीपक जलाकर उसे रखने के संबंध में कई नियम बताए गए हैं। दीपक की लौ किस दिशा में जानी चाहिए, इस संबंध में ग्रंथ शास्त्र में पर्याप्त जानकारी मिलती है। अपने इष्ट को प्रसन्न करने के लिए हर धार्मिक रीति-रिवाज को पूरा करने के लिए अपने-अपने विधान भी हैं। हिंदू धर्म में यह बहुत मायने रखता है। कोई भी पूजा तब तक सफल नहीं हुई जब तक उसे विधिपूर्वक न किया गया। दीपावली को दीपोत्सव, प्रकाशोत्सव भी कहा जाता है धनतेरस से ही कार्तिक के कृष्णपक्ष की अंधेरी रात को जगमगाने की शुरुआत हो जाती है।
किसी भी शुभ कार्य से पहले दीपक जलाते समय इस मंत्र को बोलने से शीघ्र ही सफलता मिलती है-


दीपज्योति: परब्रह्म: दीपज्योति: जनार्दन:।
दीपोहरतिमे पापं ईदीपं नामोस्तुते।।
शुभं करोतु कल्याणमारोग्यं सुखं सम्पदां।
शत्रु वृद्धि विनाशं च दीप्योति: नमोस्तुति।।


दीपक सिर्फ दीवाली पर ही नहीं जलाये जाते हैं बल्कि पूजा अर्जन सहित हर मांगलिक कार्यक्रम में दीपक जलाया जाता है। दीपक की लौ सिर्फ रोशनी का प्रतीक नहीं है बल्कि वह अज्ञानता का अंधकार को हटाकर ज्ञान के प्रकाश से जीवन को रोशन करने का प्रतीक है। दरिद्रता के तिमिर का नाश कर खुशियों से जीवन को जगमगा देने का प्रतीक है। नकारात्मकता से चौंधियाये अंधेरे मन में सकारात्मकता के प्रकाश की झलक की प्रतीक है। क्योंकि उसके सही दिशा में होने से ही शुभ फल प्राप्त होते हैं।

पूर्व और उत्तर दिशा में जहां दी गई आयु और धन में वृद्धि की मनोकामना पूरी तरह से होती है, वहीं पश्चिम और दक्षिण में दी गई लूत अशुभ भी मानी जाती है। पश्चिम में दिए गए नुकसान के कारण कष्टदायी होता है और आपको कष्ट सहने पर मजबूर होना पड़ सकता है। लेकिन दक्षिण में दिए गए गीत की लय रखना और घातक भी हो सकता है। इससे व्यक्ति या परिवार की बड़ी हानि उठानी पड़ सकती है, यह हानि जान-मालिक किसी के भी रूप में हो सकती है।
कुल मिलाकर दीपक या जला दियाना हर शुभ अवसर पर एक अनिवार्य परंपरा मानी जाती है, क्योंकि दीपक का मार्ग सही दिशा में होना प्राय: होता है।।

दीपक-

मनुष्य के जीवन में चिह्न और प्रासंगिक का बहुत उपयोग होता है। भारतीय संस्कृति में मिट्टी के प्रदत्त में प्रज्जवलित ज्योत का बहुत महत्व है।

दीपक हमें अज्ञानता को दूर करके पूर्ण ज्ञान प्राप्त करने का संदेश देता है। दीपक अंधकार दूर करता है। मिट्टी का दीया मिट्टी से बना मनुष्य शरीर का प्रतीक है और उसमें रहने वाला तेल अपनी जीवन शक्ति का प्रतीक है। मनुष्य अपनी जीवनशक्ति से परिश्रम करके संसार से अंधकार दूर करके ज्ञान का प्रकाश फैलाये ऐसा संदेश दीप हमें देता है। मंदिर में आरती करते समय दिया जलाने के पीछे यही भाव है कि भगवान हमारे मन से अज्ञान रूपी अंधकार को दूर करके ज्ञानरूप प्रकाश फैलायें। गहरे अंधकार से प्रभु! परम प्रकाश की ओर ले चल रहा है।


दीपावली के पर्व के निमित्त लक्ष्मीपूजन में अमावस्या की अंधेरी रात में दीपक जलाने के पीछे भी इसका उद्देश्य छिपा हुआ है। घर में तुलसी के क्यारे के पास भी दीपक जलाये जाते हैं। किसी भी नयें कार्य की शुरुआत भी दीपक से ही होती है। अच्छे संस्कारी पुत्र को भी कुल-दीपक कहा जाता है। अपने वेद और शास्त्र भी हमें यही शिक्षा देते हैं- हे परमात्मा! अंधकार से प्रकाश की ओर, मृत्यु से अमरता की ओर आइए चलें। ज्योत से ज्योत वर्ल्डो इस आरती के पीछे भी यही विचार कर रहा है। यह भारतीय संस्कृति की गरिमा है।

आमतौर पर हम सभी अपने घर में पूजा करते हैं दीपक प्रज्वलित करते हैं। जो बहुत ही शुभ होते हैं। दीपक को रौशनी का, उजाले का तथा प्रकाश का प्रतीक माना जाता है। दीपक को मनुष्य के जीवन के कष्टों को दूर करने के लिए भी शुभ माना जाता है।
दीपक के प्रकार – दीपक कई प्रकार के होते हैं। जैसे – चाँदी के दीपक, मिटटी के दीपक, लोहे के दीपक, ताम्बे के दीपक, पीतल की धातु से बने हुए दीपक और मिटटी के दीपक से बनाए गए दीपक |

कुछ लोग मिटटी के दीपक को अधिक शुभ मानते हैं तो वहीँ कुछ लोग सभी प्रकार की साधना की सिद्धि के लिए मूंग की दाल, चावल, गेहूं, उड़द की दाल और ज्वार आदि अनाजों को पीस कर उनमें से दीपक बनाते हैं और इसे ही पूजा करते हैं के लिए सबसे उत्तम मानते हैं।

घर की इन दिशाओं में दीपक लगाने से पूरी होती हैं सभी इच्छाएं—
लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन दियों को इन दीपकों को जलाने की भी एक विधि है। अगर सही दिशा में दीपक की लौ न जलाई जाए तो इसका नकारात्मक प्रभाव भी हो सकता है। आइए जानते हैं इसके फायदे व नुक्सान के बारे में—


—–रोगों से मुक्ति के लिए प्रतिदिन सूर्य देव के चित्रपट या श्रीविग्रह के आगे दीपक मरते हैं।
—-श्रीकृष्ण के आगे दीपक लगाने से जीवन साथी की तलाश पूरी होती है।
—–रूक्मणी और श्रीकृष्ण के आगे दीपक बनने से मनभावन जीवन साथी मिलता है।
—–दीपक की दाईं दिशा की ओर धारण से आयु में वृद्धि होती है।
—– दीपक की दृष्टि दिशा पश्चिम की ओर देखने से दु:ख बढ़ रही है।
—- दीपक की लौ उत्तर दिशा की ओर स्थित होने से धन लाभ होने के योग बने हैं।
—– दीपक की लौ दिशा की और धारण से हानि होती है। यह हानि किसी व्यक्ति या धन के रूप में भी हो सकती है।
—बुरे सपनों का डर सतता है तो सोने से पहले हनुमान जी के पंचमुखी स्वरूप के आगे दिया जलाएं और हनुमान का पाठ करें।
——घर के मंदिर की उत्तर दिशा में धन के देवता कुबेर का स्वरूप स्थापित करें। किसी भी तरह की समस्या हो हर दिन जागरण से हल हो जाएगा।
—–घर और कार्यस्थान पर गणपति बप्पा का स्वरूप स्थापित करें। दिन की शुरुआत उनकी आगे लगे दीपक कर दें।
——राम दरबार के आगे प्रतिदिन दीपक लगाने से परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।

आयु वृद्धि के लिए पूर्व दिशा में जलायें दीपक—
दीपक की लौ दिशा किसमें शुरू हुई इसके अनुसार वैसे तो ऋक्सिकता शास्त्र में काफी सारे नियम हैं लेकिन यह इस पर भी निरंतर करता है कि आप किस देवता की पूजा कर रहे हैं और उनके वासी कौन हैं दिशा में है। पूर्व दिशा के बारे में सभी जानते हैं। सूर्योदय की पहली किरणों के साथ ही नई आशाएं और आशाओं की किरणें भी फूटती हैं। पूर्व दिशा में यदि दीपक की लौकिक हो तो इससे आयु में विकास होता है।

धन लाभ के लिए दिए गए लौ हो उत्तर में—-
यदि आप अपने व्यवसाय में लाभ, वेतन में वृद्धि आदि धन लाभ के मनोकामना के लिए दीपक जला रहे हैं तो ध्यान दें इसकी लौ उत्तर दिशा हो। उत्तर दिशा में दिए गए विवरण के आधार पर धन में वृद्धि के लिए इसे लाभकारी माना जाता है।
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जानिए आप अपने जीवन के कष्टों से निम्न प्रकार दीपक जलाकर मुक्ति पा सकते हैं –

1. अगर आपके घर में आर्थिक तंगी चल रही है, तो इस कड़ी से मुक्ति पाने के लिए आपको हर दिन अपने घर के देवालय में शुद्ध घी का दीपक जलाना चाहिए। लाइव दीपक से घर की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।

2. यदि आपके शत्रु आपको नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं तो इसके लिए आपको प्रतिदिन भैरव जी के सामने सरसों का तेल जलाना चाहिए। इस उपाय को करने से आपके विनाश से आपकी हानि होने के लिए नए प्रयास सफल नहीं होंगे।


3. सूर्य देवता को प्रसन्न करने के लिए भी आपको हर रोज सरसों का दीपक जलाना चाहिए। इस उपाय को करने से आपके घर में हमेशा सूर्य देवता की कृपा बनी रहती है।


4. यदि आपका शनि ग्रह कमजोर है तो आपको नियमपूर्वक शनि ग्रह को प्रसन्न करने के लिए तिल के तेल का दीपक जलाना चाहिए।

5. अपने पति की लंबी उम्र की मनोकामना को पूरा करने के लिए महिलाओं को अपने घर के मंदिर में महुए के तेल का दीपक प्रज्वलित करना चाहिए।

6. अगर किसी व्यक्ति के राहु और केतु दोनों योजनाओं की स्थिति खराब हो तो उसे रोजाना मंदिर में अलसी के तेल का दीपक जलाना चाहिए। इस उपाय को करने से राहु और केतु ग्रह शांत हो जाते हैं।

7. घर या मंदिर में किसी भी देवी या देवता की पूजा करते समय फूल, अगरबत्ती, शुद्ध गाय के घी या तिल के तेल का दीपक अवश्य जलाना चाहिए

8. गणेश भगवान की कृपा आप पर हमेशा बनी रही इसके लिए आपको प्रतिदिन गणेश की मूर्ति या तस्वीर के आगे तीन बत्तियों वाले झींगे का दीपक जलाना चाहिए।

9. भैरव देवता की पूजा करने के लिए और उन्हें प्रसन्न करने के लिए चार प्रमुख सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए। इस उपाय को करने से व्यक्ति के जीवन की सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं।

10. किसी मामले को या प्रमाण को जीतने के लिए भी दीपक को जलाना शुभ होता है। किसी भी दोष में जीत हासिल करने के लिए भगवान के आगे पांच मुखी दीपक जलायें।

11. कार्तिक भगवान को प्रसन्न होने के लिए भी दिन के पांच मुख वाले दीपक प्रज्वलित करना चाहिए।

12. लक्ष्मी जी की कृपा हमेशा घर पर बनी रहें। इसके लिए हमें लक्ष्मी जी के विभिन्न सात मुख वाला दीपक जलाना चाहिए।

13. शिव भगवान को प्रसन्न करने के लिए आप बारहवें या आठवें वाले दीपक जला सकते हैं। इसके साथ ही सरसों के तेल का एक दीपक जलाना शुभ माना जाता है।

14. विष्णु भगवान को प्रसन्न करने के लिए उनके सामने प्रतिदिन सोलह बत्तियों का दीपक जलाना चाहिए। यदि आप विष्णु भगवान के दशावतार की पूजा करते हैं तो उन्हें प्रसन्न करने के लिए दस मुख वाले दीपक को जलाना चाहिए।

15. इष्ट सिद्धि के लिए तथा ज्ञान प्राप्त करने के लिए एक गहरा और गोल दीपक प्रज्वलित करना चाहिए।

16. अपने विनाश को नष्ट करने के लिए और किसी भी विरोधी को रोकने के लिए मध्य से ऊपर की ओर उठते हुए दीपक का प्रयोग जलाने के लिए चाहिए।

17. धन प्राप्ति के लिए सामान्य दीपक का प्रयोग लक्ष्मी जी की पूजा करने के लिए करना चाहिए।

18. संकटहरण हनुमान जी की पूजा करने के लिए तथा उनकी कृपा आप पर सदा बनी रहे इसके लिए तीन कोनो वाले दीपक का प्रयोग जलाने के लिए देना चाहिए। हनुमान जी आराधना करने के लिए दीपक को जलाने के लिए चमेली के तेल का प्रयोग अवश्य करना चाहिए।

19. आश्रम और देवालय में अखंड ज्योत जलाने के लिए शुद्ध गाय के घी और तिल के तेल का प्रयोग करना चाहिए।
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अगर आपकी इच्छा पूरी तरह से घूमने के लिए आपको भगवान के आगे कैसा दीपक जलाना चाहिए। जिससे आपकी पूरी इच्छाए जल्दी ही पूरी तरह से हो जाती है।माना जाता है कि हर भगवान का संबंध किसी न किसी विशेष वस्तु या इच्छा से होता है। अगर अपनी इच्छा या मनोकामना के अनुसार संबंधित भगवान की मूर्ति को पूजा घर में स्थापित करके, रोज उन्हें दीपक दिया जाए तो आपकी पूरी इच्छाए और मनोकामनाए निश्चित रूप से पूरी होती है। रुका धन पाने से लेकर प्यार तक, बिजनेस में जिम्मेवारी से लेकर स्थिति से छुटकारा पाया जा सकता है।
1.प्यार के लिए भगवान कृष्ण जी- अगर आपको भी अपने दोस्तों या अपने जीवन के साथियों से प्यार पाने की इच्छा हो, तो घर के मंदिर में भगवान कृष्ण की मूर्ति स्थापित कर उनकी पूजा करनी चाहिए। इससे आपकी ये इच्छा पूरी हो सकती है।

2. दावे से मुक्ति पाने के लिए भगवान सूर्य- यदि आप दायित्व से परेशान हैं तो आपको अपने घर के मंदिर में भगवान सूर्य की मूर्ति स्थापित करके या तस्वीर रोज उनकी मूर्ति या तस्वीर पर जल चढ़ाना चाहिए और दीपक जलाना चाहिए।


3. अटका हुआ धन पाने के लिए भगवान कुबेर- ये तो हम सभी जानते हैं कि भगवान कुबेर को धन का देवता माना जाता है। अगर आपका भी धन कही अटका है तो अटका हुआ धन पाने के लिए घर के मंदिर की दिशा में भगवान कुबेर की मूर्ति स्थापित कर रोज दीपक जलाना चाहिए।

4. परीक्षाओं में सफलता पाने के लिए मां सरस्वती- अगर आपको अपनी परीक्षाओं की भी चिंता है और परीक्षा में सफलता पाना चाहते हैं तो अपने कमरे में मां सरस्वती की मूर्ति स्थापित करके या तस्वीर रोज दिया जाना चाहिए।

5. व्यवसाय में शेयरिंग करने के लिए भगवान गणेश- बिजनेस में जॉब के लिए भगवान गणेश की मूर्ति घर या दूकान के मंदिर में स्थापित करें, रोज उन्हें दीपक या अगरबत्ती लगाएं। इससे आपके व्यवसाय में टैक्सी मिल सकती है।

6. परिवार में सुख-शांति के लिए श्री राम जी- अगर आप भी अपने घर-परिवार में हमेशा सुख-शांति और प्यार बनाए रखना चाहते हैं तो उसके लिए भगवान राम सहित लक्ष्मण और देवी सीता की मूर्ति स्थापित करनी चाहिए और उनकी पूजा करनी चाहिए चाहिए।

7. बुरे सपनो से छुटकारा पाने के लिए भगवान हनुमान- जिन लोगो को डरावने या बुरे सपनो से दूर करें हो, उन्हें भगवान हनुमान की पंचमुखी स्वरूप की तस्वीर रोज उनकी पूजा करनी चाहिए।
झबरा खत्म करने के लिए भगवान शिव जी-जिन लोगो के अपने घर-परिवार के लोगो या मित्रों के बीच झिलमिलाहट खत्म करने की इच्छा हो, उन्हें घर के मंदिर में भगवान शिव की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करनी चाहिए।
Thanks please full article read 🙏👍🌹🌹

लक्ष्मी माता के 18 पुत्रो के नाम 🙏🏻🙏🏻👇

1.ॐ देवसखाय नम: 2. ॐ चिक्लीताय नम:

भक्ति स्टोरी घरेलू नुस्खे आदि 🙏🌹