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शिव जी के नाम 🙏🏻👇

 1 शिव, 2शम्भू, 3महादेव, 4उमापति, 5महाकाल, 6विषधर, 7नागेश्वर, 8त्रिनेत्री, 9वैरागी,10 नागेन्द्र।


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1#विष्णु भगवान की कहानी - जब विष्णु ने शिव को मुश्किल से बाहर निकाला कैसे पढ़ो छोटी सी कहानी 👇👍

यौगिक कथाओं में ऐसी कई कहानियाँ हैं, जिनमें बताया गया कि शिव की करुणा कोई भेदभाव नहीं करती और वे किसी की इच्छा पर बच्चों की तरह भोलापन दिखाते हैं। एक बार गजेंद्र नामक एक असुर था। गजेंद्र ने बहुत तप किया और शिव से यह वरदान पाया कि वह जब भी उन्हें पुकारेगा, शिव को आना होगा। त्रिलोकों के सदा शरारती ऋषि नारद ने देखा कि गजेंद्र हर छोटी-छोटी बात के लिए शिव को पुकार लेता था, तो उन्होंने गजेंद्र के साथ एक चाल चली।

उन्होंने गजेंद्र से कहा, ‘तुम शिव को बार-बार क्यों बुलाते हो? वह तुम्हारी हर पुकार पर आ जाते हैं। क्यों नहीं तुम उनसे कहते कि वह तुम्हारे अंदर आ जाएँ और वहीं रहें जिससे वह हमेशा तुम्हारे अंदर होंगे?’ गजेंद्र को यह बात अच्छी लगी और फिर उसने शिव की पूजा की। जब शिव उसके सामने प्रकट हुए, तो वह बोला, ‘आपको मेरे अंदर रहना होगा। आप कहीं मत जाइए।’ शिव अपने भोलेपन में एक लिंग के रूप में गजेंद्र में प्रवेश कर गए और वहाँ रहने लगे।
महसूस कर रहा था। कोई नहीं जानता था कि वह कहाँ हैं। सभी देव और गण शिव को खोजने लगे। काफी खोजने के बाद, जब कोई यह पता नहीं लगा पाया कि वह कहाँ हैं, तो वे हल ढूंढने के लिए विष्णु के पास गए। विष्णु ने स्थिति देखी और कहा, ‘वह गजेंद्र के अंदर हैं।’ फिर देवों ने उनसे पूछा कि वे शिव को गजेंद्र के अंदर से कैसे निकाल सकते हैं क्योंकि गजेंद्र शिव को अपने अंदर रखकर अमर हो गया था।

हमेशा की तरह विष्णु सही चाल लेकर आए। देवगण शिवभक्तों का रूप धरकर गजेंद्र के राज्य में आए और बहुत भक्ति के साथ शिव का स्तुतिगान करने लगे। शिव का महान भक्त होने के कारण गजेंद्र ने इन लोगों को अपने दरबार में आकर गाने और नाचने का न्यौता दिया। शिवभक्तों के वेश में देवों का यह दल आया और बहुत भावनाओं के साथ, बहुत भक्तिपूर्वक वे शिव के लिए भक्तिगीत गाने और नाचने लगे। शिव, जो गजेंद्र के अंदर बैठे हुए थे, अब खुद को रोक नहीं सकते थे, उन्हें जवाब देना ही था। तो वह गजेंद्र के टुकड़े-टुकड़े करके उससे बाहर आ गए।
पूरा लेख पढ़ने के लिए धन्यवाद 🙏🏻

1#माता लक्ष्मी जी की कथा 🙏🙏👇👇







माँ लक्ष्मी सुख, समृद्धि और धन की देवी हैं। जब लक्ष्मी माता का व्रत किया जाता है तो लक्ष्मी माता की कहानी का व्रत किया जाता है। लक्ष्मी माता के व्रत को 'वैभव लक्ष्मी व्रत' भी कहा जाता है। वैभव लक्ष्मी व्रत शुक्रवार के दिन मनाया जाता है। इस व्रत को स्त्री या पुरुष कोई भी कर सकता है। लक्ष्मी माता का व्रत रखने से सुख-समृद्धि और धन की प्राप्ति होती है।

उस दिन माता लक्ष्मी का व्रत किया जाता है और लक्ष्मी माता की कहानियां बताई जाती हैं। ऐसी मान्यता है कि इस दिन मां लक्ष्मी पृथ्वी पर विचरण करती हैं। जो भी मां लक्ष्मी के मन में विराजमान होती है, उस पर मां लक्ष्मी अपनी कृपा बरसाती हैं। व्रत वाले दिन कई लोग व्रत रखते हैं और शाम के समय व्रत करने वाले राजा और लक्ष्मी माता की कहानी कहते
। तो आइये जानते हैं लक्ष्मी माता की पावन कथा 
एक गांव में एक साहूकार रहता था। साहूकार की एक बेटी थी। वह हर रोज पीपल सींचने जाती थी। पीपल के पेड़ से लक्ष्मी जी प्रकट हुई थीं और चली गईं। एक दिन लक्ष्मी जी ने साहूकार की बेटी से कहा - तू मेरी सहेली बन जा। तब लड़की ने कहा कि मैं अपने पिता से सवाल कलकर आऊंगी।
साहूकार की बेटी ने अपने पिता से सारी बात कह दी। तब उनके अनमोल वचन वह तो लक्ष्मी जी हैं। अपने को और क्या चाहिए तू लक्ष्मी जी की सहेली बन जा। दूसरे दिन वह लड़की फिर चली गई। तब लक्ष्मी जी पीपल के पेड़ से निकल कर आई और कहा दोस्त बन जा तो लड़की ने कहा, बन जाऊंगी और दोस्त बन गए दोस्त।

लक्ष्मी जी ने भोजन की न्युता दी। घर पर लड़की ने मां-बाप से कहा कि मेरी सहेली ने मुझे खाना खिलाया है। तब बाप ने कहा था कि दोस्त के जिमने जाकर घर को संभाल कर रखना। तब वह लक्ष्मी जी के यहां जिमने गए तो लक्ष्मी जी ने उन्हें शाल दुशाला ओढ़ने के लिए दिया, रुपये खाए, सोने की सब्जी, सोने की थाली में छत्तीस प्रकार के भोजन का (व्यंजन) कराया।
जीम कर जब वह जाने लगी तो लक्ष्मी जी ने पल्ला पकड़ लिया और कहा कि मैं भी तुझे घर जिमने आऊंगी। तो उसने कहा आ जाइयो. वह घर पर किरायेदार बैठाया गया। तब बाप ने पूछा कि कौन सी बेटी सहेली यहां जिमकर आ गई? और तू उदास क्यों है? तो उसने कहा मेरे को लक्ष्मी जी ने इतने सारे प्रकार के आहार दिए लेकिन मैं कैसे जिमाऊंगी?

आपके घर में तो कुछ भी नहीं है। तब उसके पिता ने कहा था कि गोबर मिट्टी से चौका लगाकर घर की सफाई कर ले। चार मुख वाले ने दिया चित्र, लक्ष्मीजी का नाम लेकर रसोई में बैठे। लड़की सफाई लेकर लोध लेकर बैठ गई। उसी समय एक रानी नहा रही थी। उसका नोलखा हार गया, उसे उठा लिया गया और उसके घर नौलखा हार गया, और उसका बच्चा ले गया।
बाद में वह खो गया और सामान बेचने लगा तो सूनर ने पूछा कि क्या करना चाहिए? तब उन्होंने कहा कि सोने की दुकान, सोने का थाल, शाल दुशाला दे दे, मोहर दे और सामग्री दे। छत्तीस प्रकार का भोजन हो जाए इतना सामान। साडी चीजें लेकर बहुत तैयारी की और बनाई गई तब गणेश जी ने कहा कि लक्ष्मी जी को बुलाओ।

आगे-आगे गणेशजी और पीछे-पीछे लक्ष्मीजी आई। उसने फिर से दुकान डाल दी और कहा, दोस्त की दुकान पर बैठ जाओ। जब लक्ष्मी जी ने कहा कि मेरे यहाँ तो राजा रानी के लिए भी कोई घर नहीं है, किसी के भी घर में नहीं है, तो उन्होंने कहा कि मेरे यहाँ तो तुम बैठो। फिर लक्ष्मीजी की दुकान स्थापित हुई। टैब वह बहुत एहसानमंद की। जैसी लक्ष्मी ने करी थी, वैसी ही करी।
लक्ष्मीजी उस पर प्रसन्न हो गईं। घर में धन और लक्ष्मी हो गयीं। साहूकार की बेटी ने कहा, मैं अभी आ रही हूं। तुम बेघर हो गए और वह चले गए। लक्ष्मीजी घर पर नहीं रहीं और होटल में रहीं। बहुत सारे टैग दिए। लक्ष्मीजी को साहूकार की बेटी के रूप में जाना जाता है। कथन कहें, हुंकारा भारते अपने सारे परिवार को दियो। पीहर में जाना, मुस्लिमों में जाना। बेटे को पॉट देना। हे लक्ष्मी माता ! सभी कष्ट दूर करना , दरिद्रता दूर करना , प्लांट मनोभाव पूर्ण करना ।
यह माता लक्ष्मी जी की कथा थी।
आशा करती हूं आपको पसंद आई होगी धन्यवाद 🙏

1#सावन मास में इन मंत्रों का करें जाप, महाकाल होंगे प्रसन्न, रुके हुए काम भी हो जाएंगे पूरे 2023शुभ सोमवार 🙏👇

सावन का भगवान शिव को समर्पित है. इस महीने में भोलेनाथ की पूजा-पाठ करने से विशेष फलों की प्राप्ति होती है. ऐसे में आज हम आपको कुछ ऐसे मंत्र बताने जा रहे हैं, जो आपकी बंद किस्मत का दरवाजा खोल सकते हैं
ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ओम।
हिंदू धर्म में सावन (सावन माह 2023 Kab Hai) के महीने का खास महत्व है. यह महीना भोलेनाथ को समर्पित होता है. हिंदू कैलेंडर के अनुसार, यह पांचवा महीना होता है. मान्यता है कि सावन के महीने में भगवान शिव (Lord Shiva) की विधि-विधान से पूजन करने पर लोगों की हर मनोकामना पूरी होती है. इस साल अधिक मास के कारण सावन दो माह का होगा. सावन की शुरुआत 4 जुलाई से हो रही है, जो 31 अगस्त को समाप्त हो जाएगा. 
सावन के महीने में भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए भक्त पूजा-पाठ आदि के साथ तरह-तरह के उपाय और टोटके अपनाते हैं. मान्यता है कि सावन के महीने में मंत्रों का जाप करना लाभकारी साबित हो सकता है. इन मंत्रों के जाप से व्यक्ति को हर काम में सफलता मिलती है. इसके साथ ही धन-दौलत, सुख-समृद्धि, नौकरी, विवाह आदि के साथ अच्छा स्वास्थ्य भी मिलेगा. ऐसे में आइये जानते हैं भगवान शिव के मंत्र 


सावन माह में करें इन मंत्रों का जाप
शिव पंचाक्षार मंत्र
मान्यता है कि भोलेनाथ ने स्वयं पंचाक्षर मंत्र की रचना की है-ऊं नम: शिवाय. इस मंत्र के जाप से हर तरह के कष्टों से छुटकारा मिल सकता है. 


महामृत्युंजय मंत्र
ऊँ हौं जूं स: ऊँ भुर्भव: स्व: ऊँ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। 
ऊर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ऊँ भुव: भू: स्व: ऊँ स: जूं हौं ऊँ।।
रुद्र गायत्री मंत्र 
ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि
तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥


इन मंत्रों का भी करें जाप
ॐ सर्वात्मने नम:
ॐ त्रिनेत्राय नम:
ॐ हराय नम:
ॐ इन्द्रमुखाय नम:
ॐ श्रीकंठाय नम:
ॐ वामदेवाय नम:
ॐ तत्पुरुषाय नम:
ॐ ईशानाय नम:
ॐ अनंतधर्माय नम:
ॐ ज्ञानभूताय नम:
ॐ अनंतवैराग्यसिंघाय नम:
ॐ प्रधानाय नम:
ॐ व्योमात्मने नम:
ॐ युक्तकेशात्मरूपाय नम
सावन सोमवार की( तारीख 2023 सावन सोमवार)
सावन का पहला सोमवार: 10 जुलाई
सावन का दूसरा सोमवार: 17 जुलाई
सावन का तीसरा सोमवार: 24 जुलाई
सावन का चौथा सोमवार: 31 जुलाई
सावन का पांचवा सोमवार: 07 अगस्त
सावन का छठा सोमवार:14 अगस्त
सावन का सातवां सोमवार: 21 अगस्त
सावन का आठवां सोमवार: 28 अगस्त
ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय हर हर हर महादेव 🙏🙏
पूरा लेख पढ़ने के लिए धन्यवाद आपका 🙏🙏

1#सावन माह में रविवार के उपाय पढ़िए लघु कथा 🙏👇


हिंदू धर्म में वार यानी दिन का विशेष महत्व होता है। मान्यता है कि हर एक दिन किसी न किसी देवी-देवताओं को समर्पित होता है। इसी क्रम में रविवार का दिन भगवान सूर्य देव को समर्पित है। सनातन धर्म में मान्यता है कि सूर्य देव को ग्रहों का राजा कहा जाता है। यह सभी ग्रहों में सबसे बलवान होता है। इस दिन भगवान सूर्य की विधि-विधान से पूजा करने से हर मनोकामना पूरी होती है। इसके साथ ही रविवार के दिन मां लक्ष्मी की भी आराधना करना शुभ माना जाता है। यह भी मान्यता है कि रविवार के दिन कुछ उपाय करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और हर मनोकामना पूरी करती हैं।कुंडली में सूर्य देव की स्थिति मजबूत होने से व्यक्ति को सुख, संपत्ति व यश की प्राप्ति होती है व बिगड़े काम भी बनने लगते हैं। ऐसे में ज्योतिषशास्त्र के अनुसार कुछ उपायों की मदद से जीवन की सारी समस्याएं दूर हो जाती हैं। आइए जानते हैं कि कौन-कौन से उपाय हैं, जो आपकी किस्मत के बंद दरवाजे खोल सकते हैं।।
रविवार के दिन सुबह उठकर स्नान करके सूर्य देवता को अर्घ्य देना चाहिए। अर्घ्य देते हुए इस मंत्र का उच्चारण जरूर करना चाहिए- 'ओम सूर्याय नमः ओम वासुदेवाय नमः ओम आदित्य नमः' इससे सूर्य देवता प्रसन्न होकर हर मनोकामना को पूरी करते हैं।
इसके अलावा रविवार के दिन अपने घर के बाहरी दरवाजे के दोनों तरफ देसी घी का दीपक जलाना चाहिए। इसे मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और घर में वास करती हैं। यह दिन भी माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए अच्छा दिन माना जाता है।
रविवार के दिन दान करने के लिए भी शुभ दिन माना जाता है। इस दिन गुड़, दूध, चावल व कपड़ा का दान करने से भी सूर्य देवता प्रसन्न होते हैं। इस दिन दान का भी विशेष महत्व है।
रविवार के दिन चंदन का तिलक जरूर लगाना चाहिए। ऐसा करना शुभ माना जाता है और महालक्ष्मी भी प्रसन्न होती हैं। इसके साथ ही लाल कपड़े को जरूर शरीर में धारण करना चाहिए।
ये नुखसे आजमा कर अपनी किस्मत बदल सकते हैं।
बोलो सूर्य भगवान की जय 🙏

लक्ष्मी माता के 18 पुत्रो के नाम 🙏🏻🙏🏻👇

1.ॐ देवसखाय नम: 2. ॐ चिक्लीताय नम:

भक्ति स्टोरी घरेलू नुस्खे आदि 🙏🌹