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1#12 ज्योर्तिलिंग के दर्शन 🙏🏻🙏🏻

    : 12 ज्योतिर्लिंग हमें कौनसी ऊर्जा व सीख देतें है
 ???
भगवन :12 सूर्य-12 लग्न-12 भाव 12 ज्योतिर्लिंग ऊर्जा के स्त्रोत 
51 शक्तिपीठ के साथ 12 ज्योतिर्लिंग है सनातन सिद्धअमृत स्तोत्र

शुभ कार्य में नारियल को फोड़ा जाता है?🙏🙏👇





किसी भी कार्य का शुभारंभ नारियल फोड़कर किया जाता है। नारियल को भारतीय सभ्यता में शुभ और मंगलकारी माना गया है। इसलिए पूजा-पाठ और मंगल कार्यों में इसका उपयोग किया जाता है। 
हिंदू परंपरा में नारियल सौभाग्य और समृद्धि की निशानी होती है। नारियल भगवान गणेश को चढ़ाया जाता है और फिर प्रसाद के रूप में बांटा जाता है।नारियल इस धरती के सबसे पवित्र फलों में से एक है। इसलिए इस फल को लोग भगवान को चढ़ाते हैं।

ऋषि विश्वामित्र को नारियल का निर्माता माना जाता है। इसकी ऊपरी सख्त सतह इस बात को दर्शाती है कि किसी भी काम में सफलता हासिल करने के लिए आपको मेहनत करनी होती है।

नारियल एक सख्त सतह और फिर एक नर्म सतह होता है और फिर इसके अंदर पानी होता है जो बहुत पवित्र माना जाता है। इस पानी में किसी भी तरह की कोई मिलावट नहीं होती है। नारियल भगवान गणेश का पसंदीदा फल है। इसलिए नया घर या नई गाड़ी लेने पर फोड़ा जाता है। इसका पवित्र पानी जब चारों तरफ फैलता है तो नकारात्मक शक्तियां दूर हो जाती हैं। 

नारियल तोड़ने का मतलब अपने अहम को तोड़ना है। नारियल इंसान के शरीर को प्रदर्शित करता है और जब आप इसे तोड़ते हैं तो इसका मतलब है कि आपने खुद को ब्रह्मांड में सम्मिलित कर लिया है। नारियल में मौजूद तीन चिन्ह, भगवान शिव की आंखें मानी जाती है। इसलिए कहा जाता है कि यह आपकी हर मनोकामनाएं पूरी करता है।

नारियल को संस्कृत में 'श्रीफल' कहा जाता है और ' श्री' का अर्थ लक्ष्मी है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, लक्ष्मी के बिना कोई भी शुभ काम पूर्ण नहीं होता है। इसीलिए शुभ कार्यों में नारियल का इस्तेमाल अवश्य होता है। नारियल के पेड़ को संस्कृत में 'कल्पवृक्ष' भी कहा जाता है। 'कल्पवृक्ष' सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करता है। पूजा के बाद नारियल को फोड़ा जाता है और प्रसाद के रूप में सब में वितरित किया जाता ह 

1#शिव भक्त की कहानी (आंसू रोक नहीं पयोगे )🌹🌹🙏🙏😭😭

एक अद्भुत कवी संत थे जिनका जनम कर्नाटक में हुआ था | उनका नाम था दासिमैया वह इतने अछे बुनकर थे की उनोने एक बार बहुत माहिम और बहुत सूंदर पगड़ी का कपडा बुनना शुरू किया | बुनते बुनते उनको पूरा एक महीना लगा आखिर उनोने वह कपडा बुन ही लिया और क्युकि उनकी कमाई भी इससे से होती थी| फिर एक दिन वह उसे बेचने के लिया बाजार ले गए |

वह कपडा इतना सूंदर था की किस ने भी उस कपडे की कीमत नहीं पूछी | सभी को लगा की ये बहुत महंगा होगा | फिर वह अपने कपडे के साथ वापिस आ रहे थे |एक अद्भुत कवी संत थे जिनका जनम कर्नाटक में हुआ था | उनका नाम था दासिमैया वह इतने अछे बुनकर थे की उनोने एक बार बहुत माहिम और बहुत सूंदर पगड़ी का कपडा बुनना शुरू किया | बुनते बुनते उनको पूरा एक महीना लगा आखिर उनोने वह कपडा बुन ही लिया और क्युकि उनकी कमाई भी इससे से होती थी| फिर एक दिन वह उसे बेचने के लिया बाजार ले गए  | नो

वह कपडा इतना सूंदर था की किस ने भी उस कपडे की कीमत नहीं पूछी | सभी को लगा की ये बहुत महंगा होगा | फिर वह अपने कपडे के साथ वापिस आ रहे थे |रस्ते में उने एक बूढ़ा आदमी बैठा मिला| उसने दासिमैया की तरफ देखकर कहा में कांप रहा हु |क्या तम मुझे वह कपडा दे सकते हो |दयालु भाव होने के कारन दासिमैया ने वह कपडा वह बूढ़े आदमी को वो कपडा दे दिया |


उस आदमी ने वह कपडा खोला और उस कपडे के कई टुकड़े करदिया | एक टुकड़ा उसने अपने सिर पर भांध लिया दूसरा अपने छाती पर और दो छोटे टुकड़े अपने पैरो पर और हाथो पर भांध कर बैठ गया |

दासिमैया बस देखते रहे अचानक से बूढ़ा आदमी में ने पूछा क्या कोई दिकत है | दासिमैया बोलै नहीं बस यह कपडा बस आपका ही है आप जो चाहे कर सकते है | फिर दासिमैया उस बूढ़े आदमी को अपने घर खाने खिलाने के लिए ले गए | लेकिन घर पर खाने के लिए कुछ नहीं था अतिथि को देखकर उनकी पत्नी बोली घर में इतना खाना भी नहीं की आप खा सके और आप एक मेहमान साथ ले आये| दासिमैया फिर परेशान होकर कहा चलो मेरा छोड़ो घर में जो भी तिल फूल है उसे बनाकर ले आओ|

तो फिर क्या था अपने भक्त को ज्यादा दिएर असमंजस में पड़ा नहीं देख पाए |वह बूढ़ा आदमी और कोई नहीं वह भगवान शिव थे | वह दासिमैया की हालत देख अपने वास्तविक रूप में आ गये |

फिर भगवान शिव एक मुठी चावल उनके अनाज के बर्तन में डाल दिया | वह बर्तन अक्षय बन गया भाव: की जिसका कभी अंत न हो |उस बर्तन में फिर कभी भी अनाज ख़तम नहीं हुआ यानि वह कभी खली नहीं हुआ | दासिमैया और उनकी पत्नी ने उस बर्तन से बहुत से लोगो की मदद की यानि बहुत से बुखो को खाना भी खिलाया और स्वयं भी उससे ही भोजन पाया |


यह था दासिमैया की कथा | उनकी भक्ति ,कविताये और उनकी अनुपस्तिथि ने कई लोगो को रूपांतरित किया और कई लोगो कि हिरदय परिवर्तन किया | इस वजह से लोगो दासिमैया को देवरा दासिमिया कहने लगे |देवरा कि भाव अर्थ: यह है की जो ईश्वर का है |

भोलेनाथ को पहने के लिए कुछ ज्यादा यातन करने की भी जरूरत नहीं पढ़ती बाबा तो बस प्रेम की डोर से खींचे चले आते है | मन में अचे भाव हो हिरदय में प्रभु का नाम हो | सबको एक ही द्रिष्टि से देखा जाये है और यह सोचा सब शिव के अंश |


पढ़ने के बाद comment करके बताये आपको कैसे लगे यह कथा और कमेंट में ॐ नमः शिवाय लिखना न भूले| दोस्तों को भी share करे | हर हर महादेव 🙏🙏👍👍🙋🙋😘😘

1#भगवान सब जगह हैंं पहले करो विश्वास फिर देखो चमत्कार🙏🙏🌹🌹




 

मैं कोई धर्म गुरु नहीं हूं। मैं एक मोटिवेशनल राइटर हूं जो आपको मोटिवेट करता हूंं। मेरा उद्देश्य सच्ची घटना को आपके साथ शेयर करके और आपको मोटिवेट करना है। मैं केवल वही सच्ची घटना को  आपके साथ शेयर करता हूं जो आपकी प्रगति में सहायक सिद्ध होता है।

 


कुछ लोग मानते हैं कि भगवान (God) सब जगह है। प्रत्येक मनुष्य में नहीं बल्कि प्रत्येक जानवर, प्रत्येक पेड़ पौधा, हर कण में भगवान विद्यमान है। जैसा कि हमारे शास्त्रों एवं पुराणों में भी कहा गया है भगवान हर जगह है। जब भक्त बुलाते हैं वह आ जाते हैं।


कुछ निराशावादी  व्यक्ति है जो भगवान (God) को नहीं मानते हैं। वह हमेशा बोलते हैं भगवान दुनिया में है ही नहीं। भगवान है तो उसे बुलाओ। भगवान दिखते कैसे हैं? भगवान रहते कहां हैं? इत्यादि।

 

जैसा कि आप जानते हैं कि सफलता प्राप्त करने के लिए विश्वास होना बहुत जरूरी है। बिना विश्वास के कोई भी सफलता प्राप्त नहीं की जा सकती है। महाभारत के युद्ध में अर्जुन को विश्वास था कि मेरे साथ भगवान श्री कृष्ण है इसलिए मैं हार नहीं सकता हूं और वह जीत गया।

 

एक विश्वास के बल पर ही आप बड़े से बड़े लक्ष्य प्राप्त कर सकते हैं। जैसा कि आप जानते हैं जिन्हें विश्वास है उसे दुनिया कि सभी सुख प्राप्त होते हैं। जो भगवान को मानता है उसमें विश्वास रूपी शक्ति होती है।

 भगवान (God) सब जगह है – एक सच्ची घटना
आपको सच्ची घटना बता रहा हूं जिसमें भगवान (God) प्रकट हुए थे। टीवी सीरियल में आप देखे होंगे कि प्रह्लाद कि पिता हरीना कश्यप को मारने के लिए भगवान प्रकट हुए थे। ठीक इसी प्रकार विष्णु जी ने कई अवतार लिए और दुष्टों का नाश किया।

 

रामायण महाभारत इत्यादि कहानी हम पढ़ते भी हैं और सीरियल देखे हैं। यह घटना कई युगों पहले की बात है। मैं कुछ समय पहले की एक घटना बता रहा हूं जो आप को अचंभित कर देगा। आपको सोचने पर विवश कर दें कि वास्तव में भगवान है।

 

एक गांव में एक बहुत ही साधारण व्यक्ति रहता था। उसे भगवान पर अटूट विश्वास था। जब कोई व्यक्ति उसे हालचाल पूछता वह बोलते हैं ठाकुर जी जानें।

 

उस गांव में एक ठाकुर जी का मंदिर था। उन्हें उन पर पूरा विश्वास था। उन व्यक्ति के दो पुत्र और एक पुत्री थे। जब पुत्री की शादी किया तो उस साधारण व्यक्ति ने साहूकार से कुछ कर्जा लिया।

 

कुछ समय बाद दोनों पुत्र ने पिता को बोला है यह लो पैसे और साहूकार को देकर कर्ज से मुक्त हो जाओ। उस व्यक्ति ने जाकर साहूकार से कहा यह लीजिए साहूकार जी आपका मूलधन और ब्याज और मुझे अपने कर्जे से मुक्त करा दीजिए।


साहूकार ने एक पेज पर लिख दिया कि आपका पूरा कर्जा ब्याज सहित प्राप्त हुआ। आप कर्जा से मुक्त है। साहूकार ने उस व्यक्ति से पूछा इस पर क्या लिखा हुआ?

 

उस व्यक्ति ने कहा मैं तो अनपढ़ हूं। जो लिखा है वह ठाकुर जी जानें। साहूकार समझ गया कि व्यक्ति बहुत सीधा है। उनके मन में लोभ आ गया। साहूकार ने उस व्यक्ति को कहा अंदर जाकर एक गिलास पानी लेकर आओ।

इसी बीच में साहूकार ने उस पर्ची को हटाकर एक पर्ची लिख दिया कि अभी मेरा कर्जा बाकी है। अंदर से व्यक्ति आया और पर्ची लेकर चला गया। कुछ दिन बाद साहूकार पैसा मांगने पहुंच गया।

 

उस व्यक्ति ने कहा कि यह बात गलत है। मैंने आपको पैसा दे दिया है। मामला कोर्ट में चला गया। कोर्ट में व्यक्ति को बुलाया गया। व्यक्ति जोर जोर से रोने लगा और बोला कि ठाकुर जी जानते हैं कि मैंने उसको पैसा दे दिया।

 

जज साहब ने पूछा कोई गवाह है जिसने आपको साहूकार को पैसा देते देखा था। उसने कहा हां ठाकुर जी है। ठाकुर जी ने मुझे पैसे देते हुए साहूकार को देखा था।

 

जज साहब ने कहा ठाकुर जी को बुलाया जाए। पुलिस वालों ने उस गांव में जाकर लोगों से पूछा ठाकुर जी नाम का कोई व्यक्ति इस गांव में है। उसे कल कोर्ट में आना पड़ेगा।

 

गांव वालों ने कहा ठाकुर जी नाम का कोई भी व्यक्ति इस गांव में नहीं है। ठाकुर जी का मंदिर है। अब भगवान कैसे कोर्ट में पेश होंगे।

 

अगले दिन अदालत की कार्रवाई शुरू हुई। जज साहब के बगल में खरा भक्ति जोर से बोला लगा ठाकुर जी हाजिर हो, ठाकुर जी हाजिर हो। उसी वक्त एक बूढ़ा व्यक्ति सिर पर तिलक लगाए चंदन का माला पहने हुए कोर्ट में आ गया।

 

उस व्यक्ति ने कटघरे में खड़ा होकर बोला सर मैं ठाकुर जी हूं। बताइए क्या बात है? जज साहब ने ठाकुर जी से पूछा क्या आप इस व्यक्ति को साहूकार को पैसे देते हुए देखा था?

 

तब ठाकुर जी ने बोला हां जज साहब मेरे सामने में इस व्यक्ति ने साहूकार को पूरे पैसे ब्याज समेत दे दिया था। आप साहूकार को यहां पर रोकिए और किसी व्यक्ति को साहूकार के घर भेजिए। साहूकार के घर में अलमारी नंबर 3 में एक फाइल है, उस फाइल के 22 में पेज पर वह पर्ची रखा हुआ है। जिसमें लिखा है कि यह व्यक्ति ने ब्याज समेत पैसा दे दिया।

 

वह व्यक्ति इतना बोल कर चला गया। कुछ देर बाद सिपाही वापस आया और जज साहब को एक पर्ची दी। यह पर्ची जिसमें लिखा हुआ था कि पूरा पैसा ब्याज समेत मिल गया।

 

जज साहब ने कहा ठाकुर जी कहां गए उनको बुलाओ। ठाकुर जी दिखाई नहीं दिए। अगले दिन जज साहब उस व्यक्ति के गांव गया। पूरे गांव में खोजा गया। सभी व्यक्ति ने कहा कि वह वृद्ध आदमी इस गांव का नहीं था।

 

जज साहब समझ गए वह वास्तव में ठाकुर जी यानी भगवान ही थे। जज साहब उसी वक्त अपने पद से इस्तीफा दे दिया। जज साहब भारत के सभी मंदिरों में घूम-घूम कर उसके दरबार पर मिट्टी को अपने सिर में लगाते थे
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motivational
भगवान सब जगह हैंं पहले करो विश्वास फिर देखो चमत्कार

PUBLISHED BY
Madan Jha 
Bhagwan sabhi jagah hai


भगवान सभी जगह हैै A Motivational Story
Table of Contents


भगवान सभी जगह हैै A Motivational Story
भगवान (God) सब जगह है – एक सच्ची घटना
किसे भगवान (God) पर विश्वास है?
भगवान (God) को मानने से क्या लाभ?
संक्षेप में
Author
 

मैं कोई धर्म गुरु नहीं हूं। मैं एक मोटिवेशनल राइटर हूं जो आपको मोटिवेट करता हूंं। मेरा उद्देश्य सच्ची घटना को आपके साथ शेयर करके और आपको मोटिवेट करना है। मैं केवल वही सच्ची घटना को आपके साथ शेयर करता हूं जो आपकी प्रगति में सहायक सिद्ध होता है।

 


कुछ लोग मानते हैं कि भगवान (God) सब जगह है। प्रत्येक मनुष्य में नहीं बल्कि प्रत्येक जानवर, प्रत्येक पेड़ पौधा, हर कण में भगवान विद्यमान है। जैसा कि हमारे शास्त्रों एवं पुराणों में भी कहा गया है भगवान हर जगह है। जब भक्त बुलाते हैं वह आ जाते हैं।


कुछ निराशावादी व्यक्ति है जो भगवान (God) को नहीं मानते हैं। वह हमेशा बोलते हैं भगवान दुनिया में है ही नहीं। भगवान है तो उसे बुलाओ। भगवान दिखते कैसे हैं? भगवान रहते कहां हैं? इत्यादि।

 

जैसा कि आप जानते हैं कि सफलता प्राप्त करने के लिए विश्वास होना बहुत जरूरी है। बिना विश्वास के कोई भी सफलता प्राप्त नहीं की जा सकती है। महाभारत के युद्ध में अर्जुन को विश्वास था कि मेरे साथ भगवान श्री कृष्ण है इसलिए मैं हार नहीं सकता हूं और वह जीत गया।

 

एक विश्वास के बल पर ही आप बड़े से बड़े लक्ष्य प्राप्त कर सकते हैं। जैसा कि आप जानते हैं जिन्हें विश्वास है उसे दुनिया कि सभी सुख प्राप्त होते हैं। जो भगवान को मानता है उसमें विश्वास रूपी शक्ति होती है।

 

भगवान (God) सब जगह है – एक सच्ची घटना
आपको सच्ची घटना बता रहा हूं जिसमें भगवान (God) प्रकट हुए थे। टीवी सीरियल में आप देखे होंगे कि प्रह्लाद कि पिता हरीना कश्यप को मारने के लिए भगवान प्रकट हुए थे। ठीक इसी प्रकार विष्णु जी ने कई अवतार लिए और दुष्टों का नाश किया।

 

रामायण महाभारत इत्यादि कहानी हम पढ़ते भी हैं और सीरियल देखे हैं। यह घटना कई युगों पहले की बात है। मैं कुछ समय पहले की एक घटना बता रहा हूं जो आप को अचंभित कर देगा। आपको सोचने पर विवश कर दें कि वास्तव में भगवान है।

 

एक गांव में एक बहुत ही साधारण व्यक्ति रहता था। उसे भगवान पर अटूट विश्वास था। जब कोई व्यक्ति उसे हालचाल पूछता वह बोलते हैं ठाकुर जी जानें।

 

उस गांव में एक ठाकुर जी का मंदिर था। उन्हें उन पर पूरा विश्वास था। उन व्यक्ति के दो पुत्र और एक पुत्री थे। जब पुत्री की शादी किया तो उस साधारण व्यक्ति ने साहूकार से कुछ कर्जा लिया।

 

कुछ समय बाद दोनों पुत्र ने पिता को बोला है यह लो पैसे और साहूकार को देकर कर्ज से मुक्त हो जाओ। उस व्यक्ति ने जाकर साहूकार से कहा यह लीजिए साहूकार जी आपका मूलधन और ब्याज और मुझे अपने कर्जे से मुक्त करा दीजिए।


साहूकार ने एक पेज पर लिख दिया कि आपका पूरा कर्जा ब्याज सहित प्राप्त हुआ। आप कर्जा से मुक्त है। साहूकार ने उस व्यक्ति से पूछा इस पर क्या लिखा हुआ?

 

उस व्यक्ति ने कहा मैं तो अनपढ़ हूं। जो लिखा है वह ठाकुर जी जानें। साहूकार समझ गया कि व्यक्ति बहुत सीधा है। उनके मन में लोभ आ गया। साहूकार ने उस व्यक्ति को कहा अंदर जाकर एक गिलास पानी लेकर आओ।


 

इसी बीच में साहूकार ने उस पर्ची को हटाकर एक पर्ची लिख दिया कि अभी मेरा कर्जा बाकी है। अंदर से व्यक्ति आया और पर्ची लेकर चला गया। कुछ दिन बाद साहूकार पैसा मांगने पहुंच गया।

 

उस व्यक्ति ने कहा कि यह बात गलत है। मैंने आपको पैसा दे दिया है। मामला कोर्ट में चला गया। कोर्ट में व्यक्ति को बुलाया गया। व्यक्ति जोर जोर से रोने लगा और बोला कि ठाकुर जी जानते हैं कि मैंने उसको पैसा दे दिया।

 

जज साहब ने पूछा कोई गवाह है जिसने आपको साहूकार को पैसा देते देखा था। उसने कहा हां ठाकुर जी है। ठाकुर जी ने मुझे पैसे देते हुए साहूकार को देखा था।

 

जज साहब ने कहा ठाकुर जी को बुलाया जाए। पुलिस वालों ने उस गांव में जाकर लोगों से पूछा ठाकुर जी नाम का कोई व्यक्ति इस गांव में है। उसे कल कोर्ट में आना पड़ेगा।

 

गांव वालों ने कहा ठाकुर जी नाम का कोई भी व्यक्ति इस गांव में नहीं है। ठाकुर जी का मंदिर है। अब भगवान कैसे कोर्ट में पेश होंगे।

 

अगले दिन अदालत की कार्रवाई शुरू हुई। जज साहब के बगल में खरा भक्ति जोर से बोला लगा ठाकुर जी हाजिर हो, ठाकुर जी हाजिर हो। उसी वक्त एक बूढ़ा व्यक्ति सिर पर तिलक लगाए चंदन का माला पहने हुए कोर्ट में आ गया।

 

उस व्यक्ति ने कटघरे में खड़ा होकर बोला सर मैं ठाकुर जी हूं। बताइए क्या बात है? जज साहब ने ठाकुर जी से पूछा क्या आप इस व्यक्ति को साहूकार को पैसे देते हुए देखा था?

 

तब ठाकुर जी ने बोला हां जज साहब मेरे सामने में इस व्यक्ति ने साहूकार को पूरे पैसे ब्याज समेत दे दिया था। आप साहूकार को यहां पर रोकिए और किसी व्यक्ति को साहूकार के घर भेजिए। साहूकार के घर में अलमारी नंबर 3 में एक फाइल है, उस फाइल के 22 में पेज पर वह पर्ची रखा हुआ है। जिसमें लिखा है कि यह व्यक्ति ने ब्याज समेत पैसा दे दिया।

 

वह व्यक्ति इतना बोल कर चला गया। कुछ देर बाद सिपाही वापस आया और जज साहब को एक पर्ची दी। यह पर्ची जिसमें लिखा हुआ था कि पूरा पैसा ब्याज समेत मिल गया।

 

जज साहब ने कहा ठाकुर जी कहां गए उनको बुलाओ। ठाकुर जी दिखाई नहीं दिए। अगले दिन जज साहब उस व्यक्ति के गांव गया। पूरे गांव में खोजा गया। सभी व्यक्ति ने कहा कि वह वृद्ध आदमी इस गांव का नहीं था।

 

जज साहब समझ गए वह वास्तव में ठाकुर जी यानी भगवान ही थे। जज साहब उसी वक्त अपने पद से इस्तीफा दे दिया। जज साहब भारत के सभी मंदिरों में घूम-घूम कर उसके दरबार पर मिट्टी को अपने सिर में लगाते थे।


 

किसी मंदिर में बैठते नहीं। जज साहब कहते थे हमने भगवान को अदालत में बुलाकर खड़ा किया था। फिर मैं किसी मंदिर में कैसे बैठ सकता हूं। इस तरह जज साहब काफी बदल गए।

 

यह कहानी सच्ची घटना है। यदि आपको भगवान (God) पर विश्वास है तो वह जरूर आपको बुरे वक्त में काम आएंगे। आप भले ही किसी धर्म के हो। आपके धर्म जो भी देवता हो। उसमें आप विश्वास रखें। जैसे यदि आप हिंदू हैं तो भगवान जैसे कृष्ण, राम आदि, मुस्लिम है तो मोहम्मद साहब, सिख है तो गुरु नानक देव, ईसाई हैं तो ईशा मसीह इत्यादि।

 

किसे भगवान (God) पर विश्वास है?
आप अधिकतर व्यक्ति के मुंह से सुनते होंगे मैं किसी भगवान को नहीं मानता। मुझे किसी भगवान पर विश्वास नहीं है। पर बुरे वक्त आने पर उन्हें भगवान की याद जरूर आती है।

 

कई बार आप और मैं ऐसे लोगों के मुंह से सुना है कि आज भगवान ने मेरी जान बचाई, मेरे बगल से कार निकली मैं तो बाल-बाल बच गया।

 

मेरा जान पहचान का एक डाक्टर हैं जो भगवान में भगवान (God) नहीं रखता। अधिकतर उसके मुंह से निकलती है मुझे तो जो करना था मैं कर दिया आगे भगवान जाने।

 

एक बार मैंने उससे पूछा तुम तो भगवान को मानता ही नहीं कि तुम्हें भगवान की याद क्यों आती है। उसका जवाब था जब मुझे बुरा वक्त आता है तो भगवान की याद आने लगती है। अच्छे स्थिति में भगवान को भूल जाता हूं।

 

इस डॉक्टर की तरह दुनिया में अनेक इंसान है जो हमेशा कहता है कि मुझे भगवान पर विश्वास नहीं है। मैं भगवान को नहीं मानता हूं और जब भी बुरा वक्त आता है तो भगवान को याद करने लगते हैं।

 

दुख में सुमिरन सब करे

सुख में करे न कोई।

ज्यो सुख में सुमिरन करे

तो दुख काहे होए।

 

कहने का अर्थ है भगवान का दुख में सब याद करते हैं और सुख में कोई याद नहीं करता। यदि हम भगवान को सुख में भी याद करें तो दुख कभी आएगा ही नहीं।

 

भगवान (God) को मानने से क्या लाभ?
मैं आपको यह नहीं कहता कि आप हमेशा मंदिर मस्जिद में जाओ, पूजा-पाठ करो, बड़े-बड़े यज्ञ का आयोजन करो। मेरा सिर्फ यह कहना है कि आप भगवान को मानो।

 

आप विश्वास करो कि भगवान (God) हर जगह है। ऐसा करने से आपको कई फायदे मिलेंगे। लाभ के बारे में बता रहा हूं। जो निम्नलिखित हैं-

 

1. यदि आपको विश्वास हो जाएगा कि भगवान (God) हर जगह है तो आप कभी कोई बुरा काम नहीं करोगे। चोरी, डकैती जब आप करने जाओगे तो सोचोगे कि भगवान देख रहा है और आप वह गलत काम नहीं कर पाओगे।

 

2. जब आपको यह पता चलेगा कि हर इंसान में भगवान (God) विराजमान हैं तो आप किसी भी इंसान से नफरत नहीं करोगे। क्योंकि आपको प्रत्येक व्यक्ति में भगवान दिखाई देगा।

 

3. आप विद्यार्थियों है और परीक्षा देने जा रहे हो तो परीक्षा भवन में आप भगवान (God) का नाम लेकर परीक्षा शुरू करें। आप महसूस करोगे एक शक्ति आपके पास आ गई। एक बार प्रयोग करके देखें।

 

4. कई विद्यार्थी का फाइनल सिलेक्शन 0.1 और 0.2 नंबर के कारण नहीं हो पाता है। इस स्थिति में उसे भगवान (God) की याद आती है। यदि आप भगवान को पहले ही याद कर ले तो ऐसा नौवत नहीं आएगा।

 

5. एक गाड़ी में 50 यात्री सवार है। एक्सीडेंट होता है और 40 यात्री मर जाते हैं 10 बच जाते हैं। आप सोचिए कि क्या कारण है कि 10 यात्री बच गया।

 

संक्षेप में
इस लेख को लिखने का मेरा एक ही उद्देश्य था कि नौजवान को मन में भगवान (God) की भावना जगाना। उसे विश्वास दिलाना कि इस दुनिया में भगवान है। आज के नौजवान भगवान को भूलकर गलत रास्ता पर जा रहे हैं। यदि वह भगवान को मानने लगे कोई गलत काम नहीं कर पाएगा।

धन्यवाद।।🙏🙏👍👍🌹🌹❤️❤️🙋🙋

1#सावन माह में बुधवार को जरूर सुनें गणेश जी की कहानी, म‍िलेगा सुहाग व भाई की लंबी आयु का आशीर्वाद🙏🙏🌹

श्री गणेश हर विघ्न  को दूर करते हैं। अपनी सुहाग की लंबीउम्र से हमेशा खुशियां भर देंगे , ऐसे शुभ फल देने वाले भगवान श्री गणेश की कहानी यहां आप पढ़ सकते हैं।🙏🏻




भगवान श्री गणेश की पूजा हर पूजा से पहले की जाती है। महिलाएं खासतौर पर अपने पति की लंबी उम्र के लिए भगवान श्री गणेश की पूजा जरूर करती हैं। ऐसे होते हैं भगवान श्री गणेश की पूजा करने से पति की लंबी उम्र के साथ-साथ भगवान हमेशा खुशियों से भरे रहते हैं। वहाँ कोई भी दुःख-दरिद्रता कभी नहीं आती। तो आइए जाने सुहाग की लंबी आयु देने वाले भगवान श्री गणेश की अद्भुत कहानी।

श्री गणेश की सुहागरात का आशीर्वाद देने वाली कथा 
एक समय की बात है एक भाई बहन रहते थे। बहन का नियम था कि वह अपने भाई का चेहरा देखे ही खाना खाती थी। हर रोज वह सुबह उठती थी और जल्दी-जल्दी सारा काम करके अपने भाई का मुंह देखने के लिए उसके घर जाती थी। एक दिन रास्ते में एक पीपल के नीचे गणेश जी की मूर्ति रखी थी। उसने भगवान के सामने हाथ जोड़कर कहा कि मेरे जैसा अमर सुहाग और मेरे जैसा अमर पीहर सबको दीजिए। यह कहकर वह आगे बढ़ जाती थी। जंगल के झाड़ियों के कांटे उसके पैरों में चुभा करते जाते थे। 
एक दिन भाई के घर पहुंची और भाई का मुंह देख कर बैठ गई, तो भाभी ने पूछा पैरों में क्या हो गया हैं। यह सुनकर उसने भाभी को जवाब दिया कि रास्ते में जंगल के झाड़ियों के गिरे हुए कांटे पांव में छुप गए हैं। जब वह वापस अपने घर आ जाए तब भाभी ने अपने पति से कहा कि रास्ते को साफ करवा दो, आपकी बहन के पांव में बहुत सारे कांटा चुभ गए हैं। भाई ने तब कुल्हाड़ी लेकर सारी झाड़ियों को काटकर रास्ता साफ कर दिया। जिससे गणेश जी का स्थान भी वहां से हट गया। यह देखकर भगवान गुस्सा हो गए और उसके भाई के प्राण हर लिए। 

लोग अंतिम संस्कार के लिए जब भाई को ले जा रहे थे, तब उसकी भाभी रोते हुए लोगों से कहीं थोड़ी देर रुक जाओ, उसकी बहन आने वाली है। वह अपने भाई का मुंह देखे बिना नहीं रह सकती है। उसका यह नियम है। तब लोगों ने कहा आज तो देख लेगी पर कल कैसे देखेगी। रोज दिन की तरह बहन अपने भाई का मुंह देखने के लिए जंगल में निकली। तब जंगल में उसने देखा कि सारा रास्ता साफ किया हुआ है। जब वह आगे बढ़ी तो उसने देखा कि सिद्धिविनायक को भी वहां से हट दिया गया हैं। तब उसने जाने से पहले गणेश जी को एक अच्छे स्थान पर रखकर उन्हें स्थान दिया और हाथ जोड़कर बोली भगवान मेरे जैसा अमर सुहाग और मेरे जैसा अमर पीहर सबको देना और फिर बोलकर आगे निकल गई। 
भगवान टैब भगवान लागे अगर यह नहीं सुना तो हमें कौन मानेगा, हमें कौन पूजेगा। तब सिद्धिविनायक ने उसे आवाज दी, बेटी इस खेजड़ी की सात दोस्त लेकर जा और उसे कच्चे दूध में नासाकर भाई के ऊपर चिंता मार देना वह तीनो कमरे में बैठ जाएगी। यह सुनकर जब बहन जब पीछे मुड़ी तो वहाँ कोई नहीं था। फिर वह यह आईडिया लगा कि ठीक है जैसा कि सूना कैरेक्टर कर रहा हूं। फिर वह 7 खेजड़ी की सहेलियाँ अपने भाई के घर ले गई। उसने देखा कि वहाँ बहुत से लोग बैठे हैं। भाभी सैलून रो रही और भाई की लास्ट डेट हैं। तब उसने नामांकन को नामांकित किये गये नियमों के तहत भाई के ऊपर प्रयोग किया। तब भाई उठ कर बैठ गया। भाई बोला बहन से बोला मुझे बहुत गहरी नींद आ गई थी। तब बहन बोली यह नींद किसी दुश्मन को भी ना आए और वह सारी बात अपने भाई को बता दे। 

तो मन्न्यता के अनुसार, ये है गणेश जी की चमत्कारी कहानी। 
गणेश जी क्या हैं? 
बोलो श्री गणेश भगवान जी की जय 🙏🏻🙏🏻
लेख पूरा पढ़ने के लिए धन्यवाद 🙏🏻

इस लघु कहानी से समझिए भक्ति की शक्ति🙏🌹

अगर आप अपने आराध्य के प्रति समर्पित हैं तो आपका कोई काम नहीं रुक सकता है। यहां तक कि भाग्य में खराब लिखा है तो वह भी अच्छा हो जाएगा।
एक चिड़िया जंगल में एक पेड़ पर रहती थी। जंगल बिलकुल सूखा हुआ था। न घास, न पेड़, न फूल, न फल। जिस वृक्ष पर चिड़िया रहती थी उस पर भी सिर्फ सूखी टहनियाँ थीं। पत्ते भी नहीं थे। चिड़िया वहीं रह कर हर समय शंकर भगवान का जाप और गुणगान करती रहती थी।

एक बार नारद जी जंगल में हो कर जा रहे थे। चिड़िया ने देख लिया। तुरंत आकर बोली नारद जी आप कहाँ जा रहे है। नारद ने कहा शंकरजी के पास जा रहा हूँ। चिड़िया ने कहा भगवान शंकर मेरा बड़ा ध्यान रखते है। मेरे सूखे जंगल के बारे में उन्हें पता नहीं है शायद। कृपया उनसे कह दीजिएगा मेरे जंगल को हरा भरा कर दें।

नारद जी शंकर जी के पास जाकर चिड़िया के जंगल की बात की, नारद के कई बार कहने पर शंकर जी ने कहा मैं इसमें कुछ नहीं कर सकता हूँ नारद। चिड़िया के भाग्य में सात जन्म, ऐसे ही सूखे जंगल में रहना लिखा है। नारद कुछ नहीं बोले।

कुछ समय बाद नारद जी फिर वहाँ से निकले तो देखा जंगल बिल्कुल बदला हुआ था। जंगल हरा भरा, हरी घास, फूल, फल लदे हुये थे। चिड़िया का पेड़ फूलों और फलों से लदा था। चिड़िया भी प्रेममग्न होकर पेड़ पर नाच रही थी। नारद जी ने सोचा शंकर जी ने मुझ से झूठ बोला।

नारद जी ने शंकर जी से जंगल के हरे भरे तथा चिड़िया के बारे में पूछा तो शंकरजी ने कहा कि मैनें चिड़िया को कभी कुछ नहीं दिया, फिर भी मेरा गुणगान करती रहती है। उसकी भक्ति, विश्वास और प्रेम की वजह से मुझे सातों जन्म काट कर सब चिड़िया को देना पड़ा। ऐसे दयालु हैं हमारे भोलेनाथ।

#1दुर्गा मां के 108 नाम🙏🏻👇









1.सती

2.साध्वी

3.भवप्रीता

4. भवानी

5. भमोचनी

6. आर्य

7. दुर्गा

8. जया

9. आद्या

10. त्रिनेत्र

11. शूलधारिणी

12. पिनाक धारिणी

13. चित्र

14. चन्द्रघण्टा

15. महातप

16. मन:

17. बुद्धि

18. अहंकार

19. चित्तरुपा

20. चिता

21. चिति

22. सर्वमन्त्रमयी

23. सत्ता

24. सत्यानन्द

25. अनन्ता

26. भवानी

27. भव्या

28. भव्या

29. अभव्या

30. सदागति

31. शांभवी

32. देवमाता

33. स्वरुपिणी चिन्ता

34. रत्नप्रिया

35. सर्वविद्या

36. दक्षिणायण

37. दक्षज्ञवानसिनी

38. अपर्णा

39. अनेकवर्णा

40. 41. पाटलावती

42. पट्टा परीधाना
43. कलमजिरंजीनी
44. अमय विक्रमा
45. ब्रुटा
46. ​​सुन्दरी
47. सुरसुन्दरी
48. वनदुर्गा
49. मातंगी
50. मतंगमुनिपूजिता
51. ब्राह्मी
52. माहेश्वरी
53. अन्द्री
54. कुमारी
55. वैष्णवी
56. चामुण्डा
57. वाराही
58. लक्ष्मीतंगी
59. पुरुषकृति
60. विमला
61. उत्कर्षिनी
62. ज्ञाना
63. क्रिया
64. नित्या
65. बुद्धि
66. बहुला
67. बहुलप्रेमी
68. सर्ववाहन
69. निशुंभशुंभहननी
70. महिषासुरमर्दिनी
71. मकरकटभहन्त्री
72. चण्डमुण्डविनाशिनी
73.समस्त राक्षसों का नाश
74. सर्वदानवघातिनी
75. सत्य
76. सर्वसशस्त्र
77. बहु-सशस्त्र
78. बहु-सशस्त्र
79. कुमारी
80 समस्त राक्षसों का नाश
81.कैशोरी
82. युवती
83. यति:
84. अप्रौढ़ा
85. प्रौढ़
86. वृद्धमाता
87. बलप्रदा
88. महोदरी
89. मुक्तकेशी
90. घोररुपा
91. महाबला
92. अग्निज्वाला
93. रौद्रमुखी
94. कालरात्रि
95. तपस्विनी
96. नारायण

97. भद्रकाली

98. विष्णुमाया

99. जलोदरी

100. शिवदूती

101. कराली

102. अनन्ता

103. परमेश्वरी

104. कात्यायनी

105. सावित्री

106. प्रत्यक्षा

107. ब्रह्मवादिनी

108. सर्वशास्त्रमयी

लक्ष्मी माता के 18 पुत्रो के नाम 🙏🏻🙏🏻👇

1.ॐ देवसखाय नम: 2. ॐ चिक्लीताय नम:

भक्ति स्टोरी घरेलू नुस्खे आदि 🙏🌹