एक महिला की आदत थी कि हर रोज सोने से पहले लिखने कि...

मैं खुश हूं कि मेरा पति पूरी रात खर्राटे लेता पर रहता है, क्योंकि वह जिंदा है और मेरे पास है। ये ईश्वर का शुक्र है.....मैं खुश हूं कि मेरा बेटा सुबह सबेरे इस बात पर शाम करता है, कि रात भर मच्छर खटमल सोना नहीं देता। यानी वह रात को घर पर गुजारा करता है, आवारागर्दी नहीं करता। ईश्वर का शुक्र है.....
मैं खुश हूं कि दिन खत्म होने तक मेरा थकान से बुरा हाल हो जाता है। यानी मेरे दिन अंदर भर सख़्त काम करने की ताक़त और हिम्मत, सिर्फ ईश्वर की मेहर से है....मैं खुश हूं, कि हर महीने बिजली, गैस, पेट्रोल, पानी वगैरह का, अच्छा खासा टैक्स देना है। यानी ये सब चीजें मेरे पास, मेरे इस्तेमाल में हैं. अगर यह ना होता तो जीवन कितना मुश्किल होता ? ईश्वर का शुक्र है.....मैं खुश हूं कि हर साल त्योहारों पर मैं तोहफे में पर्स खाली हो जाता है। यानी मेरे पास चाहने वाले, मेरे अज़ीज़, रिश्ते, दोस्त, अपने हैं, जिन्हें तोहफा दे सु। अगर ये ना हो, तो जीवन कितना बेरौनक हो..? ईश्वर का शुक्र है.....मैं खुश हूं कि हर रोज अपने घर का झाडू पोछा करना है, और दरवाज़े-खिड़कियों को साफ करना है। शुक्र है, मेरे पास घर तो है. जिनके पास छत नहीं, उनका क्या हाल होगा ? ईश्वर का, शुक्र है....
प्रेरक उद्धरण

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लक्ष्मी माता के 18 पुत्रो के नाम 🙏🏻🙏🏻👇

1.ॐ देवसखाय नम: 2. ॐ चिक्लीताय नम:

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