#हिंदी ब्लोग्स भक्ति स्टोरी, घरेलू नुस्खे भक्ति कहानिया. welcome to my Blog bhakti story me 🙏🙏🌹🌹
शुभ कार्य में नारियल को फोड़ा जाता है?🙏🙏👇
1#भक्त श्रीधर की कथा👇👌🌟🎉
1#विष्णु भगवान की कथाएं🌻🌷🥀🌹🙏👍
1#भक्त प्रह्लाद की कहानी 🙏🙏🌹🌹👍👍❤️❤️
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वह कपडा इतना सूंदर था की किस ने भी उस कपडे की कीमत नहीं पूछी | सभी को लगा की ये बहुत महंगा होगा | फिर वह अपने कपडे के साथ वापिस आ रहे थे |रस्ते में उने एक बूढ़ा आदमी बैठा मिला| उसने दासिमैया की तरफ देखकर कहा में कांप रहा हु |क्या तम मुझे वह कपडा दे सकते हो |दयालु भाव होने के कारन दासिमैया ने वह कपडा वह बूढ़े आदमी को वो कपडा दे दिया |
उस आदमी ने वह कपडा खोला और उस कपडे के कई टुकड़े करदिया | एक टुकड़ा उसने अपने सिर पर भांध लिया दूसरा अपने छाती पर और दो छोटे टुकड़े अपने पैरो पर और हाथो पर भांध कर बैठ गया |
दासिमैया बस देखते रहे अचानक से बूढ़ा आदमी में ने पूछा क्या कोई दिकत है | दासिमैया बोलै नहीं बस यह कपडा बस आपका ही है आप जो चाहे कर सकते है | फिर दासिमैया उस बूढ़े आदमी को अपने घर खाने खिलाने के लिए ले गए | लेकिन घर पर खाने के लिए कुछ नहीं था अतिथि को देखकर उनकी पत्नी बोली घर में इतना खाना भी नहीं की आप खा सके और आप एक मेहमान साथ ले आये| दासिमैया फिर परेशान होकर कहा चलो मेरा छोड़ो घर में जो भी तिल फूल है उसे बनाकर ले आओ|
तो फिर क्या था अपने भक्त को ज्यादा दिएर असमंजस में पड़ा नहीं देख पाए |वह बूढ़ा आदमी और कोई नहीं वह भगवान शिव थे | वह दासिमैया की हालत देख अपने वास्तविक रूप में आ गये |
फिर भगवान शिव एक मुठी चावल उनके अनाज के बर्तन में डाल दिया | वह बर्तन अक्षय बन गया भाव: की जिसका कभी अंत न हो |उस बर्तन में फिर कभी भी अनाज ख़तम नहीं हुआ यानि वह कभी खली नहीं हुआ | दासिमैया और उनकी पत्नी ने उस बर्तन से बहुत से लोगो की मदद की यानि बहुत से बुखो को खाना भी खिलाया और स्वयं भी उससे ही भोजन पाया |
यह था दासिमैया की कथा | उनकी भक्ति ,कविताये और उनकी अनुपस्तिथि ने कई लोगो को रूपांतरित किया और कई लोगो कि हिरदय परिवर्तन किया | इस वजह से लोगो दासिमैया को देवरा दासिमिया कहने लगे |देवरा कि भाव अर्थ: यह है की जो ईश्वर का है |
भोलेनाथ को पहने के लिए कुछ ज्यादा यातन करने की भी जरूरत नहीं पढ़ती बाबा तो बस प्रेम की डोर से खींचे चले आते है | मन में अचे भाव हो हिरदय में प्रभु का नाम हो | सबको एक ही द्रिष्टि से देखा जाये है और यह सोचा सब शिव के अंश |
पढ़ने के बाद comment करके बताये आपको कैसे लगे यह कथा और कमेंट में ॐ नमः शिवाय लिखना न भूले| दोस्तों को भी share करे | हर हर महादेव 🙏🙏👍👍🙋🙋😘😘
1#भगवान को पाने का सबसे सरल मार्ग क्या है? पढ़िए ये रोचक कहानी🙏🙏🌹🌹👍👍🙋🙋
1#भगवान सब जगह हैंं पहले करो विश्वास फिर देखो चमत्कार🙏🙏🌹🌹
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भगवान को पाने का सबसे सरल मार्ग क्या है? पढ़िए ये रोचक कहानी 🙏🙏
1#सावन माह में बुधवार को जरूर सुनें गणेश जी की कहानी, मिलेगा सुहाग व भाई की लंबी आयु का आशीर्वाद🙏🙏🌹
श्री गणेश हर विघ्न को दूर करते हैं। अपनी सुहाग की लंबीउम्र से हमेशा खुशियां भर देंगे , ऐसे शुभ फल देने वाले भगवान श्री गणेश की कहानी यहां आप पढ़ सकते हैं।🙏🏻
इस लघु कहानी से समझिए भक्ति की शक्ति🙏🌹
1#भक्त के अधीन भगवान - कसाई की कहानी🙏🙏
वापिस आकर उसने वह पत्थर माँस के वजन को तोलने के काम में लगाया। कुछ ही दिनों में उसने समझ लिया कि यह पत्थर कोई साधारण नहीं है। जितना वजन उसको तोलना होता, पत्थर उतने वजन का ही हो जाता है
भक्त के अधीन भगवान - कसाई की कहानी (Bhakt Ke Adheen Bhagawan Kasai Ki Kahani)
वापिस आकर उसने वह पत्थर माँस के वजन को तोलने के काम में लगाया। कुछ ही दिनों में उसने समझ लिया कि यह पत्थर कोई साधारण नहीं है। जितना वजन उसको तोलना होता, पत्थर उतने वजन का ही हो जाता है।
धीरे-धीरे यह बात फैलने लगी कि सदना कसाई के पास वजन करने वाला पत्थर है, वह जितना चाहता है, पत्थर उतना ही तोल देता है।
किसी को एक किलो मांस देना होता तो तराजू में उस पत्थर को एक तरफ डालने पर, दूसरी ओर एक किलो का मांस ही तुलता। अगर किसी को दो किलो चाहिए हो तो वह पत्थर दो किलो के भार जितना भारी हो जाता।
इस चमत्कार के कारण उसके यहां लोगों की भीड़ जुटने लगी। भीड़ जुटने के साथ ही सदना की दुकान की बिक्री बढ़ गई।
बात एक शुद्ध ब्राह्मण तक भी पहुंची। हालांकि वह ऐसी अशुद्ध जगह पर नहीं जाना चाहता थे, जहां मांस कटता हो व बिकता हो। किन्तु चमत्कारिक पत्थर को देखने की उत्सुकता उसे सदना की दुकान तक खींच लाई ।
दूर से खड़ा वह सदना कसाई को मीट तोलते देखने लगा। उसने देखा कि कैसे वह पत्थर हर प्रकार के वजन को बराबर तोल रहा था। ध्यान से देखने पर उसके शरीर के रोंए खड़े हो गए। भीड़ के छटने के बाद ब्राह्मण सदना कसाई के पास गया।
ब्राह्मण को अपनी दुकान में आया देखकर सदना कसाई प्रसन्न भी हुआ और आश्चर्यचकित भी। बड़ी नम्रता से सदना ने ब्राह्मण को बैठने के लिए स्थान दिया और पूछा कि वह उनकी क्या सेवा कर सकता है!
ब्राह्मण बोला: तुम्हारे इस चमत्कारिक पत्थर को देखने के लिए ही मैं तुम्हारी दुकान पर आया हूँ, या युँ कहें कि ये चमत्कारी पत्थर ही मुझे खींच कर तुम्हारी दुकान पर ले आया है।
बातों ही बातों में उन्होंने सदना कसाई को बताया कि जिसे पत्थर समझ कर वो माँस तोल रहा है, वास्तव में वो शालीग्राम जी हैं, जोकि भगवान का स्वरूप होता है। शालीग्राम जी को इस तरह गले-कटे मांस के बीच में रखना व उनसे मांस तोलना बहुत बड़ा पाप है।
सदना बड़ी ही सरल प्रकृति का भक्त था। ब्राह्मण की बात सुनकर उसे लगा कि अनजाने में मैं तो बहुत पाप कर रहा हूं। अनुनय-विनय करके सदना ने वह शालिग्राम उन ब्राह्मण को दे दिया और कहा कि “आप तो ब्राह्मण हैं, अत: आप ही इनकी सेवा-परिचर्या करके इन्हें प्रसन्न करें। मेरे योग्य कुछ सेवा हो तो मुझे अवश्य बताएं।“
ब्राह्मण उस शालीग्राम शिला को बहुत सम्मान से घर ले आए। घर आकर उन्होंने श्रीशालीग्राम को स्नान करवाया, पँचामृत से अभिषेक किया व पूजा-अर्चना आरम्भ कर दी।
कुछ दिन ही बीते थे कि उन ब्राह्मण के स्वप्न में श्री शालीग्राम जी आए व कहा: हे ब्राह्मण! मैं तुम्हारी सेवाओं से प्रसन्न हूं, किन्तु तुम मुझे उसी कसाई के पास छोड़ आओ।
स्वप्न में ही ब्राह्मण ने कारण पूछा तो उत्तर मिला कि- तुम मेरी अर्चना-पूजा करते हो, मुझे अच्छा लगता है, परन्तु जो भक्त मेरे नाम का गुणगान कीर्तन करते रहते हैं, उनको मैं अपने-आप को भी बेच देता हूँ। सदना तुम्हारी तरह मेरा अर्चन नहीं करता है परन्तु वह हर समय मेरा नाम गुनगुनाता रहता है जोकि मुझे अच्छा लगता है, इसलिए तो मैं उसके पास गया था।
ब्राह्मण अगले दिन ही, सदना कसाई के पास गया व उनको प्रणाम करके, सारी बात बताई व श्रीशालीग्रामजी को उन्हें सौंप दिया ब्राह्मण की बात सुनकर सदना कसाई की आंखों में आँसू आ गए। मन ही मन उन्होंने माँस बेचने-खरीदने के कार्य को तिलांजली देने की सोची और निश्चय किया कि यदि मेरे ठाकुर को कीर्तन पसन्द है, तो मैं अधिक से अधिक समय नाम-कीर्तन ही करूंगा।
Geeta Gyan 🙏🙏
#1दुर्गा मां के 108 नाम🙏🏻👇
1.सती
2.साध्वी
3.भवप्रीता
4. भवानी
5. भमोचनी
6. आर्य
7. दुर्गा
8. जया
9. आद्या
10. त्रिनेत्र
11. शूलधारिणी
12. पिनाक धारिणी
13. चित्र
14. चन्द्रघण्टा
15. महातप
16. मन:
17. बुद्धि
18. अहंकार
19. चित्तरुपा
20. चिता
21. चिति
22. सर्वमन्त्रमयी
23. सत्ता
24. सत्यानन्द
25. अनन्ता
26. भवानी
27. भव्या
28. भव्या
29. अभव्या
30. सदागति
31. शांभवी
32. देवमाता
33. स्वरुपिणी चिन्ता
34. रत्नप्रिया
35. सर्वविद्या
36. दक्षिणायण
37. दक्षज्ञवानसिनी
38. अपर्णा
39. अनेकवर्णा
40. 41. पाटलावती
97. भद्रकाली
98. विष्णुमाया
99. जलोदरी
100. शिवदूती
101. कराली
102. अनन्ता
103. परमेश्वरी
104. कात्यायनी
105. सावित्री
106. प्रत्यक्षा
107. ब्रह्मवादिनी
108. सर्वशास्त्रमयी
जानिये चरणमृत का महत्व🙏🙏❤️❤️🙋🙋🌹🌹 comment
एक महिला की आदत थी कि हर रोज सोने से पहले लिखने कि...
khani bhagwan❤️ bhole ke bhakt ki......
कहानी भगवान भोले नाथ भक्त की
भक्ति स्टोरी घरेलू नुस्खे आदि 🙏🌹
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